खेल ज़िन्दगी के...

कुछ  खेल ज़िन्दगी के
बहुत निराले होते हैं
काँटों भरे रास्तो पर
कुछ मतवाले भी होते हैं
थोड़े हिम्मतवाले वाले होते हैं
थोड़े जज्बतोंवाले रहते हैं
कुछ के पास हार मान ने के
बहाने भी होते हैं
कभी जंग हार कर
ज़िन्दगी जीत ली जाती हैं
तो कही जंग जीत कर
ज़िन्दगी हार  ली जाती हैं
कुछ खेल ज़िन्दगी के
निराले होते हैं

सोच और कर्म में
फर्क बहुत होता हैं
माना वही जाता हैं
जो असल में किया होता हैं
याद उन्ही को रखते हैं
जो सीधे सच्चे होते हैं
जो झूटे फरेबी आते हैं
वो नहीं कही के होते हैं
कुछ खेल ज़िन्दगी के बहुत निराले होते हैं

1 comment: Leave Your Comments

  1. wah wah kya bat hai... zindagi ek khel hai aur wo sach me nirala hai... great poem

    ReplyDelete