दिल तुझे क्या हुआ ?
तू क्यों हैं मुरझाया हुआ
कुछ पल ज़िन्दगी में ऐसे आते हैं
जिनमे बसे होते सन्नाटे हैं
खोखली सी हवा ने क्यों तुझको छुआ
दिल तुझे क्या हुआ ?
तू ठोकरें खाकर भी
क्यों संभल नहीं पाया ?
क्यों तू खुद के आगोश में समाया
भागकर क्यों जाता हैं पीछे ?
क्यों सहता हैं आँखों को मींचे ?
दिल तुझे क्या हुआ ?
शब्द बेजुबान हैं
खूंटी पर टंगे अरमान हैं
पहन कर अरमानो को
कहा गुम हुआ ?
दिल तुझे क्या हुआ ?
दहाड़े मर कर रोना चाहे तो
किवाड़ की ओट में छुपता क्यों हैं ?
क्यों भूल जाता हैं बार बार
की तू हैं चमकीले मोती से बना हुआ
तू हैं नाज़ो से पला हुआ
पूरा इन्सान तेरे ही काबू में हुआ
फिर क्यों हैं तू मुरझाया हुआ ?
दिल तुझे क्या हुआ ?
दिल है कि मानता ही नहीं ?
ReplyDeletethe most mysterious thing is this heart.... I never know what he wants....
ReplyDeleteits a beautiful post :) i think a lot of women these days need to think about themselves too the same way you described.
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